
औरंगाबाद भी कुछ इमारतों के कारण काफी फेमस है। इसमें सबसे खास है ताजमहल। जी हां आप सोच में पड़ गए न कि ताजमहल तो आगरा में है, तो यह औरंगाबाद क्यों पहुंच गया। तो हम आपको बताते है इसके बारें में विस्तार से… हिंदुस्तान में 2 ताजमहल हैं एक शाहजहां ने बनवाया आगरा में दूसरा औरंगज़ेब के बेटे आज़म शाह ने अपनी मां दिलराज बानू बेगम (राबिया-उद-दौरानी) की याद में बनाया था। और इसे बीवी का मक़बरा (Taj of the Deccan ) नाम से सब जानते हैं।
इतिहासिक तथ्यों के अनुसार इसका निर्माण संभवतः ई.स. 1651 और 1661 के बीच किया गया था। बीबी के मकबरे को आर्किटेक्ट अत-उल्लाह ने डिज़ाइन किया था। अत-उल्लाह उस्ताद अहमद लाहौरी का बेटा था जिन्होंने ताज महल को डिज़ाइन किया था।
जितना यह ताजमहल भव्य है। उतनी ही इसको बनाने की कहानी रोचक है। सैय्यद जैनोद्दीन शिराजी के मजार के खादिम ने बताया कि ‘बीवी का मक़बरा’ को आज़मशाह बहुत ही भव्य बनाना चाहता था परंतु बादशाह औरंगजेब द्वारा दिए गए खर्च में वह मुमकिन नहीं हो पाया और उन्होंने अपनी पत्नी के सोने के कंगन तक बेच दिए थे।
ग़ुलाम मुस्तफा की रचना “तारीख नाम” के अनुसार इसके निर्माण का व्यय 6,68,203.7 रुपये हुआ था।